Sunday, October 23, 2011

हर बंदा , रावण औ राम

- राजीव जयस्वाल

हर बंदे में
प्रेम भावना
हर बंदे में
प्रणय कामना
हर बंदे में
प्रभु बंदगी
हर बंदे में
है दरिंदगी |

हर बंदे में
एक कविता
हर बंदे में
एक रचियता
हर बंदे में
एक देवता
हर बंदे में
छिपा प्रेत सा |

हर बंदे में
छोटा सा बच्चा
हर बंदे में
आदम एक सच्चा
हर बंदे में
आकुल मन एक
हर बंदे में
रोगी तन एक |

हर बंदा
है गुण की ख़ान
हर बंदा
बोधिसत्व महान
हर बंदा
देवत्व स्वरूप
हर बंदा
कृतित्व अनूप |

हर बंदा
कोशिका का जाल
हर बंदा
परमाणु ख़ान
हर बंदा
एक जटिल शरीर
हर बंदा
है संत कबीर |

हर बंदा
पावन ज्यों गंग
हर बंदा
नीचा औ नंग
हर बंदा
रावण औ राम
हर बंदा
कन्स औ श्याम
हर बंदा
निपट बकवास
हर बंदा
है प्रभु निवास |

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