Tuesday, December 27, 2011

अपना एक मुकाम बनायेंगे

- ज्योति डांग

बोलता हर कोई
क्या मुझे मिला
देश ने क्या दिया
नेताओं ने देश का
बेडा गर्क किया
सोचा कभी हमने
क्या देश के लिए
किया
क्या कुछ भी दे पाये
देश को ?
खोये रहे खुद को
पाने के लिए
खुद की पहचान
बनाने के लिए
कोई ऐसा काम
किया
क्या शहीदों को कभी
याद किया ?
क्या कभी खुद से आँख
मिला पाओगे ?
क्या देश को क्या सम्मान
दिला पाओगे ?
लड़ते रहते हैं
अपने स्वार्थ खातिर
देश को बाँटने खातिर
क्यों ?
आओ मिल कर
एक कसम खायें
गरीबी ,भुखमरी
भ्रष्टाचार,बेरोज़गारी
से देश को मुक्त करायेंगे
अपना एक मुकाम
बनायेंगे |

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